इस परेशां दिल को और परेशां न करो
इस परेशां दिल को , और परेशां न करो
इस गमे दिल को और गमसार न करो
मैं जानता हूँ मुझसे कोई खता नहीं हुई
इस खुदा के बन्दे को यूं परेशां न करों
उसे अज़ीज़ हूँ मैं, ये जानता हूँ मैं
उस खुदा की जानिब , मुझे परेशां न करो
मुझे गिला नहीं . दुनिया ने किनारा कर लिया मुझसे
इस खुदा के बन्दे को, और परेशां न करो
किस्मत ने मेरी हमेशा धोखा दिया मुझे
इस बेक़सूर को और परेशां न करो
मुझे ख्याल है उसके बन्दों की खिदमत मैं करें
इस खुदा के नूर को यूं , रुसवा न करो
मेरी नहीं कोई ख्वाहिश ऐ मेरे खुदा
तेरा दर हो मैरा ठिकाना, यूं गुमराह न करो
गुमसुम- गुमसुम सी जिन्दगी को कर लिया बसेरा मैंने
गुजारिश है इस गम्दीदा को यूं बेसहारा न करो
इस गुलशान में गुल बन खिल सकूं, है ये आरज़ू मेरी
खिलने से पहले ही मुझे शाख से , जुदा न करो
किसी के उजाड़ आशियाँ को रोशन करूँ ये आरज़ू मेरी
इस नाचीज़ की जिन्दगी को यूं जहन्नुम न करों
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