Sunday 13 December 2015

बसता है जीवन का संगीत


बसता है जीवन का संगीत 

नदियों की कल- कल में , फूलों की खुशबुओं में
फूलों के उपवन में, पर्वतों के झरनों में

बसता है जीवन का संगीत

पर्वतों की घाटियों में , झूमते बादलों में
मयूर के नृत्य में, पक्षियों के कलरव में

बसता है जीवन का संगीत

कोयल की कूक में, बन की शान्ति में
बच्चों की मुस्कान में, बालपन की चंचलता में

बसता है जीवन का संगीत

बस्ते का बोझ लिए कॉँधे पर लिए, ज्ञान की राह पर बढ़ते बचपन में
संस्कृति , संस्कारों की पूँजी में, आदर्शों की धरोहर में

बसता है जीवन का संगीत

संवेदनाओं के झुरमुट में, अभिनन्दन की राह में
मोक्ष की तृष्णा में , भक्ति की राह में

बसता है जीवन का संगीत

ईश्वर अराधना में, प्रकृति के सौन्दर्य में
पुरुषों के पुरुषत्व में, नारी के यौवन में

बसता है जीवन का संगीत

ज्ञान के सागर में, भक्ति के भवसागर में
सद्विचारों की गंगा में, माँ सरस्वती के चरणों में

बसता है जीवन का संगीत

माता के आँचल में, पिता की छत्र -- छाया में
बचपन की यादों में, बचपन की बातों में

बसता है जीवन का संगीत

नदियों की कल- कल में , फूलों की खुशबुओं में
फूलों के उपवन में, पर्वतों के झरनों में









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