Wednesday, 2 December 2015

दीपों की लड़ियों से रोशन यह त्यौहार


दीपों की लड़ियों से रोशन यह त्योहार

दीपों की लड़ियों से रोशन यह त्यौहार
आओ हम मिल  करें, भारतीय संस्कृति को साकार

दूर करें अंधियारा मन का , पावन यह त्यौहार
आओ हम सब मिल करें . राम के आदर्शों को साकार

दीपों की एक माला बनायें, रोशन घर ऑगन
बांटे मिठाई , दैवें बधाई, पुष्पित हों तन--मन

धन की देवी कष्ट मिटायें, भरे रहें भण्डार
जीवन मैं खुशियाली लाता, पावन यह त्यौहार

चलो चलें पावन गंगा के तीर, दीप जला  आयें
पावन सरिता के आँचल तले. हम जीवन पायें 

अगवान्‌ राम के आदर्श को . जीवन में अपनायें
चलों चलें किसी निर्धन की कुटिया को रोशन कर आयें

अंधियारे को दूर भगाता, पावन यह त्यौहार
खुशियों का अम्बार लगाता, पावन यह त्यौहार

कामनाओं को पूरी करता , पावन यह त्योहार
घर - ऑँगन को पुष्पित करता , पावन यह त्यौहार

दीपों की लड़ियों से रोशन यह त्यौहार
आओ हम मिल् करें, भारतीय संस्कृति को साकार

दूर करें अंधियारा मन का , पावन यह त्यौहार
आओ हम सब मिलनकरें  , राम के आदर्शों को साकार





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