Tuesday, 22 December 2015

फूलों की खुशबू से जहां को - मुक्तक

१.


फूलों की खुशबू से जहां को
जो महकाना सीख लोगे तुम

तेरी स्वयं की जिन्दगी , पुष्पों की मानिंद
खुशबू से हो जायेगी रोशन


२.



भरोसा जो तेरा उस आसमानी खुदा के
ऊपर से उठा जाएगा

जहन्नुम हो जायेगी जिन्दगी तेरी
तेरा सेब कुछ बिखर जाएगा


3.



अपने धर्म के प्रति तेरे मन में
जो विश्वास जाग जाएगा

पुश्तें तेरी तर जायेंगी
भाग्य तेरा रोशन हो जाएगा


4.


. मर्यादित जो तेरे विचार हो जायेंगे
सत्यनिष्ठ तू जो हो जाएगा

जीवन का हर एक पत्र तेरा रोशन होगा
तू अभिनंदन मार्ग पर प्रस्थित हो जायेगा

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