Tuesday, 11 February 2014

एहसास – ए – जिन्दगी

एहसास – ए – जिन्दगी

मंद – मंद पवन का झोंका, है ये जिन्दगी
खट्टे – मीठे एहसासों की, बयार है ये जिन्दगी

कोमल – कोमल मुस्कान का, एहसास है ये जिन्दगी
दीवाली के पटाखों की सी, आवाज है ये जिन्दगी

कष्ट , पीड़ा , वेदना, कांटे हैं जिन्दगी के
गुलाब की खुशबू का, एहसास है ये जिन्दगी

सरिता सी पावन , जो हो जाए ये जिन्दगी
तो अदभुत , अनोखा एहसास है ये जिन्दगी

आगंतुक , मेहमान सी , लग रही है ये जिन्दगी
आकांक्षा , अभिलाषा का परचम है ये जिन्दगी

बाग़ में पुष्प बन, खिल जाए जिन्दगी
नीरज , राजीव सी पावन , हो जाए जो ये जिन्दगी 

खिलते सावन का , उपहार है ये जिन्दगी
पर्वत सी अचल , हो जाए ये जिन्दगी

धरती का अभिमान बन, खिल जाए जिन्दगी
रिश्तों के उल्लास का, मर्म है ये जिन्दगी

उपवन और वाटिका में पुष्प की, मानिंद है ये जिन्दगी
मंद – मंद पवन का झोंका, है ये जिन्दगी


No comments:

Post a Comment