Tuesday 11 February 2014

यादों के दरीचे से

यादों के दरीचे से

यादों के दरीचे से
कुछ यादें संजो लाया हूँ

यादों के उन झरोखों से
कुछ फूल चुनके लाया हूँ

यादों के दरीचे से
कुछ यादें संजो लाया हूँ

बीती यादें कुछ भीनी – भीनी बातें
आज भी मुझे हंसा जाती है

इन्हीं यादों के बाग़ से
कुछ पुष्प चुनके लाया हूँ

यादों के दरीचे से
कुछ यादें संजो लाया हूँ

कोयल की मीठी तान
सरिता का झर – झर नाद

अम्बर से कुछ तारे
तुम्हारी भेंट लेकर आया हूँ

यादों के दरीचे से
कुछ यादें संजो लाया हूँ

बचपन का माँ का प्यार
रिश्तेदारों का दुलार

गली – मोहल्ले में पलता वात्सल्य
हर एक याद लेकर आया हूँ

यादों के दरीचे से
कुछ यादें संजो लाया हूँ

यादों की उस पावन गंगा से
कुछ बूँदें लेकर आया हूँ

बहती पवन का
एहसास लेकर आया हूँ

यादों के दरीचे से
कुछ यादें संजो लाया हूँ

मेघ की गर्जना के क्षण
और बारिश का
आनंद लेकर आया हूँ

मित्र का रूठना और
मनाना लेके आया हूँ

यादों के दरीचे से
कुछ यादें संजो लाया हूँ

माँ और बेटी का
श्रृंगार लेकर आया हूँ

धरती और अम्बर का
विश्वास लेकर आया हूँ

यादों के दरीचे से
कुछ यादें संजो लाया हूँ

छोटी सी जिन्दगी का
हर एक रंग लेकर आया हूँ

रात का अँधेरा
सुबह का उजाला लेकर आया हूँ

यादों के दरीचे से
कुछ यादें संजो लाया हूँ

उस मनोहर सी नारी का
श्रृंगार लेकर आया हूँ

उस कामिनी की मुस्कान
उपहार लेकर आया हूँ

यादों के दरीचे से
कुछ यादें संजो लाया हूँ

यादों के दरीचे से
कुछ यादें संजो लाया हूँ



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