स्वयं
का न उपहास करो तुम ,
स्वाभिमान
की राह वरो तुम
स्वयं
का न उपहास करो तुम ,
स्वाभिमान
की राह वरो तुम
फरेबियों
से बच कर रहना ,
दुर्बलता
का त्याग करो तुम
पंकज
से तुम पावन रहना ,
सत्य
राह निर्बाध बढ़ो तुम
कर्म
राह आदर्श हो तेरा ,
तपस्वी
सा जीवन जियो तुम
बाधाओं
से मत घबराना,
स्वयं
पर विश्वास करो तुम
गरिमामय
हो छवि तुम्हारी ,
रत्नाकर
सा ह्रदय विशाल बनो तुम
मनभावन
हो रूप तुम्हारा ,
स्वयं
से प्यार करो तुम
अहंकार
तुझको न घेरे ,
ऐसे
सुप्रयास करो तुम
मर्यादित
जीवन हो तेरा ,
ऐसे
कुछ आदर्श वरो तुम
आकर्षक
व्यक्तित्व हो तेरा ,
ऐसे
संस्कारित बनो तुम
धर्मानुकूल
आचरण हो तेरा ,
ऐसे
सन्यासी बनो तुम
अभिनन्दन
हर जगह हो तेरा ,
ऐसे
व्यक्तित्व बनो तुम
प्रभु
भक्ति में जीवन बीते ,
सर्वश्रेष्ठ
भक्त बनो तुम
नैतिकता
हो राह तुम्हारी ,
ऐसे
उत्तम चरित्र बनो तुम
स्वयं
का न उपहास करो तुम ,
स्वाभिमान
की राह वरो तुम
फरेबियों
से बच कर रहना ,
दुर्बलता
का त्याग करो तुम
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