Monday, 4 February 2019

कोमल पंखुड़ियों में


कोमल पंखुड़ियों में

कोमल पंखुड़ियों में
जागता है
जिन्दगी का सपना
एक एहसास जो ले जाता
नवजीवन की ओर

पुष्प खिलते हैं , बातें करते हैं
महकते हैं , चेहकते हैं
प्रफुल्लित कर ले चलते हैं
नवजीवन की ओर

हमसे बहुत कुछ
 बयाँ करते हैं पुष्प
उनकी महक
बहुत कुछ कहती हमसे
एहसास करो
नई जिन्दगी का
और बढ़ चलो
नवजीवन की ओर

पुष्पों से सुशोभित
एक उपवन
अनाया स ही अपनी ओर
आकर्षित कर लेता है
जीवन राग खुशबूमय हो जाता है
और स्वयं ही अग्रसर हो जाता है मानव मन
नवजीवन की ओर


No comments:

Post a Comment