Wednesday, 6 February 2019

मुझे नहीं मलाल, मेरी कोशिशें जाया हुईं - अंदाज़े शायरी


मुझे नहीं मलाल, मेरी कोशिशें जाया हुईं

मुझे नहीं मलाल, मेरी कोशिशें जाया हुईं
मेरे प्रयासों ने मुझे बेंइंतहां ख़ुशी  दी है

उनका रूठ जाना मुझे नागवार क्यों गुजरे
ये रूठने की अदा भी तो मुहब्बत की इंतहां ही तो है

कोई मुझ बीमार का हाल पूछे न पूछे
हम तो उनकी मुरझाई सूरत देख ही घबरा जाते हैं

उनका रूठना हमारा उनको मनाना यूं ही बदस्तूर जारी रहे
यूं ही रूठते मनाते जिन्दगी गुजर जाए तो अच्छा हो

मेरी आगोश में जब भी वो आते हैं
मेरी चाहत को वो अपनी मुहब्बत का जाम पिला जाते हैं

इम्तिहाँ मेरी जिन्दगी को और भी रोशन करते चले गए
मुझे अपनी कोशिशों पर था एतबार न कि इम्तिहानों का खौफ

उन्होंने अपनी साजिशों से कर लिया मुझको दुश्मन अपना
मेरी कोशिश ये थी कि कर लूं अपनी जिन्दगी का हमसफ़र उनको

मुझे मलाल न था उनकी बेवफाई का
वो जी रहे हैं खून के आंसू, मुझे मलाल इस बात का है

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