Sunday 18 September 2016

तेरे चरणों में मुझको भी

तेरे चरणों में मुझको भी


तेरे चरणों में मुझको भी थोड़ी सी जगह जो मिल जाए ,तो कोई बात बने

मुझ पर भी तेरा थोड़ा सा करम जो हो जाए ,तो कोई बात बने

तेरी रहमत का साया हम पर भी बरकरार रहे ,तो कोई बात बने

तेरे दर को मेरे त्रिए जन्नते - इबादत कर दे ,तो कोई बात बने

मैं तेरी इबादत में खुद को समर्पित कर दूं ,तो कोई बात बने

तेरे करम से गर मेरा ओ नाम रोशन जो हो जाए ,तो कोई बात बने

तेरे बन्दों में मुझे हर पल तेरा दीदार जो हो जाए ,तो कोई बात बने

मैं खुद को तेरे क़दमों में निसार दूं ,तो कोई बात बने

इस फरेबी दुनिया से तू मुझे बचा कर रखे ,तो कोई बात बने

मैं तेरे बगैर एक पल भी जी न सकूं ,तो कोई बात बने

तेरे दर पर मेरी जिन्दगी का हर एक पल जो गुजर हो ,तो कोई बात बने

तू मुझे ताउमर भर के लिए अपना दास जो बना ले ,तो कोई बात बने

मेरे प्रयासों को तेरे करम का आसमां नसीब हो ,तो कोई बात बने

मेरे मन में तेरे नाम की पावन जोत जो रोशन हो जाए ,तो कोई बात बने

तेरे बन्दों की खिदमत में ये जिन्दगी जो गुजर जाए ,तो कोई बात बने

मेरी सभी कोशिशें तेरे करम से पाकीज़ा जो हों जाएँ ,तो कोई बात बने

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