मैंने उसकी यादों को
मैंने उसकी यादों को
अपनी जिन्दगी का
हिस्सा कर लिया
उसकी वो
चंचल मुस्कान
मेरे जीने का
सबब हो गयी
उसका रूठना
मुझ पर अपना
अधिकार जताना
मेरी यादों का
सफ़र हो गयीं
उसके तन की
भीनी — भीनी
खुशबू
बस एहसास ही
काफी है
स्वयं को
उसकी यादों के
पालने में झुलाने के लिए
यही तो मुहब्बत की
इन्तिहाँ है
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