गहरे अंधकार में आशा का सूरज बनकर
देखो
गहरे अन्धकार में आशा का सूरज .बनकर देखो
मन की आँखों से दुनिया की खूबसूरती ,निहारकर देखो
खुद को उस खुदा की नज़र में ,संवारकर देखो
इंसानियत की राह पर खुद को उस खुदा का ,चश्मों--चिराग
कर देखो
चांदनी रात में ढूंढ लेते हैं मं जिल सभी
अँधेरी राहों पर चलकर मंजिल का सफ़र ,तय कर देखो
कोशिशों को अपनी मंजिल का ,हमसफ़र कर देखो
लहरों के थपेड़ों में अपने आत्मविश्वास को अपनी ,धरोहर
कर देखो
किसी की वीरान जिन्दगी में कुछ पल रोशन कर देखो
तसव्वुर में ही सही , किसी की जिन्दगी .रोशन कर देखो
निगेहबान है वो उस खुदा की राह पर ,चलकर देखो
जी रहे हैं जो असहायों की मानिंद , उन्हें दो पल की
ख़ुशी देकर देखो
किसी की खुशियों में शामिल्र हो ,खुशियाँ बांटकर देखो
खुदा के बन्दे हैं हम सब, उस खुदा पर ,एतबार कर
देखो
किसी की सिसकती साँसों को दो पल की , ख़ुशी देकर
देखो
ये जिन्दगी है उस खुदा की नेमत , इसे खुदा के बन्दों
पर लुटाकर देखो
निगेहबान है वो उस खुदा की राह पर ,चलकर देखो
जी रहे हैं जो असहायों की मानिंद , उन्हें दो पल की
ख़ुशी देकर देखो
किसी की खुशियों में शामिल्र हो ,खुशियाँ बांटकर देखो
खुदा के बन्दे हैं हम सब, उस खुदा पर ,एतबार कर
देखो
किसी की सिसकती साँसों को दो पल की , ख़ुशी देकर
देखो
ये जिन्दगी है उस खुदा की नेमत , इसे खुदा के बन्दों
पर लुटाकर देखो
जिन्दगी कुछ इस तरह से जी जाए जिस तरह से आपने अपनी कविता में बयाँ किया है तो सारी दुनिया जन्नत हो जाए | बहुत ही अच्छी प्रस्तुति |
ReplyDeleteशुक्रिया जी
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