बंधनों में बाँधना न मुझे
बंधनों में बाँधना न मुझे, माया -- मोह में फंसाना न मुझे
मैं तेरे दर का भिखारी होकर रहूँ, विलासिता में उलझाना न मुझे
कष्टों से रखना बचाकर मुझको, हिंसक बनाना न मुझे
तेरे नाम का चर्चा करूँ मैं गली - गली, कुमार्ग पर ले न जाना
मुझे
अभिमानी नहीं होना मुझको, सदोपकार की राह ले जाना मुझे
अभिलाषाओं में न उलझाना मुझे, सत्य की राह पर ले जाना
मुझे
बिछोह का कष्ट न देना मुझको , अपने चरणों में बिठाना मुझे
आरजुू है मैं तेरा दीदार करूँ, अपने चरणों का दास बनाना मुझे
किसी का बुरा न सोचूं मैं, परोपकार की राह दिखाना मुझे
धनी से निर्धन हो जाऊं कोई बात नहीं, अपनी इबादत का धनी
बनाना मुझे
मुझे नसीब हो तेरे करम का साया, अपना शागिर्द बनाना
मुझे
तेरे करम , तेरे रहम से वाकिफ हैं हम सब, अपना चाकर
बनाना मुझे
अपने दिल का टुकड़ा करना मुझे, इंसानियत की राह
दिखाना मुझे
मेरा हर दिन दीवाली हो, आठों पहर याद आना मुझे
करना अपनी धरोहर तुम मुझको, 'एक अदद बन््दा बनाना
मुझे
सरिता सा पावन हो मेरा मन, अपने दर का चराग बनाना
मुझे
No comments:
Post a Comment