१.
रोशन करो चिराग , दिलों से इल्लत (बुराई) को मिटाओ
रोशन करो दिलों को , जहां को नफरत से बचाओ
रोशन चिराग इबादत के , खुदा के करम से खुद को नवाजो
रोशन ईमान दिलों मैं , इंसानियत की अलख जगाओ
२.
अकेला हूँ खुद को किस तरह से
संभालूं ऐ खुदा
करम कर इंसानियत की
मुझको कुर्बान कर
3.
तेरे एक इशारे पर खुद को तुझे,
नज़र कर दूं ऐ मैरे खुदा
किनारों पर बैठ लहरों का मज़ा लेने का
मेरा कोई इरादा नहीं
4.
किस्मत को नहीं रोना चाहता हैँ ,
कलम को मेरा अस्त्र बना ऐ मेरे खुदा
कुछ दुनिया के बारे मैं लिखं , कुछ
अल्लफ़ाज़ तेरी तारीफ़ में:
5.
कुबूल मुझको तेरी खिदमत और
इबादत तेरी
करम कर इंसानियत का ज़ज्बा अता
कर मुझको ऐ मेरे खुदा
६.
गुमनाम होकर जीना नहीं मुझको ,
गुमराह होकर भटकना नहीं मुझको
चार दिन की जिन्दगी
कुर्बान तुझ पर मेरे मौला
7.
जायज़ हो मेरी हर एक दुआ , तो
कुबूल करना ऐ मेरे खुदा
अपनी ही निगाहों में कुसूरवार
मैं न हो जाऊं कहीं
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