Thursday, 27 August 2015

आहट तेरे क़दमों की - मुक्तक

१.


आहट तेरे क़दमों की , मेरे दिल की धड़कन बढ़ा
खुशबू तेरे बदन की, बेचैन मुझको
कर देती  हैं


२.

उन्हें खुद पर भरोसा है कि नहीं, हमें नहीं रहा
हमें उनसे बेवफाई की उम्मीद नहीं


3.

उस चाँद में तेरा अश्क
 नज़र आता है मुझे 
 ऐ मेरे खुदा
मेरी हर रात पूनम की रात हो.


4.

कायल हूँ मैं तेरे करम का
ऐ मेरे खुदा 
कुदरत की हर एक शै में 
झलकता है एहसास तेरा 





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