Wednesday, 6 October 2021

मैंने एक बार ........... ( व्यंग्य ) - इस व्यंग्य का किसी से कोई लेना देना नहीं है इसे केवल व्यंग्य के रूप में पढ़ें -

 मैंने एक बार.................


मैंने एक बार 

एक बच्चे से पूछा 

" क्या बनोगे ? "


बच्चे ने मुंह बिचकाया 


मैंने पूछा शिक्षक बनना चाहोगे ?

बच्चा मासूमियत भरे अंदाज़ में बोला -

" क्या ट्यूशन का आतंक फैलाओगे "

असाइनमेंट में नंबर दूंगा कम 

चाहे बच्चे में हो दम 


पास को दिखाऊंगा फैल

क्योंकि शिक्षा है एक खेल 


लोगों ने बना दिया इसे 

पैसा कमाने की एक सेल 


मुझे शिक्षक नहीं बनना 

इससे अच्छा तो बेरोजगार रहना 


मैंने दूसरा सवाल पटका 

वह मेरी ओर लपका 


मैंने कहा - 

" तो इंस्पेक्टर ही बन जाओ "


बच्चा अकड़कर बोला -

बिन मतलब के जेल मत जाओ 

हम तो कमाल दिखाते हैं 

बेक़सूर को डंडे की दम पर उठा लाते हैं 


और उनके मुंह पर काला कपड़ा रख 

अपनी बहादुरी के किस्से 

टी वी चैनल पर शान से दिखाते हैं 


और शहर से दूर 

सूनसान सड़क पर 

लोगों को बन्दूक की नोक पर लुटवाते हैं 

25% हम खाते हैं 

75%  ऊपर वालों को खिलाते हैं 


बच्चा बोला -

मुझे इंस्पेक्टर नहीं बनना 

इससे तो अच्छा बेरोजगार आजीवन रहना 


प्रश्न पूछना मेरी आवश्यकता थी 

सो मैंने एक प्रश्न और पूछा -

" तो क्या डॉक्टर बनोगे ?"


बच्चा लपककर बोला - 

बिन दवाई के मरोगे 

आज का डॉक्टर 

समय पर सोता है 

समय पर जागता है 

समय मिले तो

लॉन्ग ड्राइव पर भी जाता है 

और अस्पताल के समय 

क्लिनिक में नजर आता है 


सब डॉक्टर मरीज के आफ्टर हैं 

बिफोर तो कोई - कोई होता है 


बच्चा बोला - 

मैं बेरोजगार ही ठीक हूँ 

मुझे डॉक्टर नहीं बनना 


प्रश्न पूछने की जिज्ञासा को 

आगे बढ़ाते हुए 

मैंने एक प्रश्न और पटका 


" तो वकील बनोगे "


वह मासूमियत भरे अंदाज़ में बोला 

" सारी जिन्दगी अदालत में सड़ोगे "

अदालत का फुल फार्म तुम्हें नहीं मालूम 


" अ " से आओ 

" द " से दान करो 

" लत " यानी लात खाओ और घर जाओ 


अपराधियों  का केस लेने में हम माहिर हैं 

बेक़सूर लोगों को जेल भेजने में हम जग जाहिर हैं 


अपराधियों से हमारी अच्छी अंडरस्टैंडिंग 

साधारण जनता का केस हमेशा पेंडिंग 


मुझे वकील नहीं बनना 

अच्छा है आजीवन बेरोजगार रहना 


इस जवाब के बाद मैंने पूछा - 

" तो इंजीनियर ही बन जाओ " 


बच्चा बोला -

ढेर सारे पुल और बिल्डिंग मत गिरवाओ

हम तो कमाल दिखाते हैं 

1 - 12 के रेश्यो में बिल्डिंग बनाते हैं 

और बेक़सूर जनता को 

समय पूर्व जन्नत की सैर कराते हैं 


नेताओं से हमारी अच्छी अंडरस्टैंडिंग 

चलती है हमारी कमीशन पर सेटिंग 


बच्चा उदास हो बोला 

ऐसा इंजीनियर मुझे नहीं बनना 

इससे बेहतर तो बेरोजगार रहना 


मैंने अंतिम सवाल पटका और पूछा - 

" तो नेता ही बन जाओ "


वह लपककर बोला 

बेकार के वादे मत करवाओ 

चारे पर , कोफीन पर , अस्त्र पर शस्त्र पर 

चलता है कमीशन मेरा 

चूंकि व्यापक कार्यक्षेत्र है मेरा 


उदास मन से 

बच्चे ने मुझसे ही पूछा 

अब तुम ही कुछ कर दिखाओ 

इस देश को बचाओ 

कुछ रोशनी फैलाओ 

लोगों को जगाओ 


और यदि कुछ न कर सको तो 

घर जाकर चादर से मुंह ढंककर 

आराम से सो जाओ 

आराम से सो जाओ 

आराम से सो जाओ 














 


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