Tuesday, 5 October 2021

बस अब और नहीं

 बस अब और नहीं 


फिल्मों में गालियों की बौछार 

तंग गलियों में सिसकते संस्कार 


बस अब और नहीं 


बुजुर्गों का तिरस्कार 

नारी पर होते अत्याचार 


बस अब और नहीं 


आधुनिक होते विचार 

बढ़ता व्यभिचार 


बस अब और नहीं 


धर्म प्रेरित राजनीति 

शिक्षा का व्यापार 


बस अब और नहीं 


आये दिन हो रहे बलात्कार 

संस्कारों का तिरस्कार 


बस अब और नहीं 


बाबाओं का अनैतिक संसार 

राजनीति हो गयी व्यापार 


बस अब और नहीं 


हो रहा चरित्रों में ह्रास 

जिन्दगी में भागमभाग 


बस अब और नहीं 


किताबों से घटता मोह 

मोबाइल से बढ़ता गठजोड़ 


बस अब और नहीं 


भड़काऊ गीतों का संसार 

फिल्मों में सेक्स का प्रचार 


बस अब और नहीं 


टी वी सीरियलों में देह का प्रचार 

झुठलाते संस्कृति और संस्कार 


बस अब और नहीं 


डर के बाद जीत , अब देता जिन्दगी से हार 

युवा पीढ़ी का अनैतिक व्यवहार 


बस अब और नहीं 


राजनीति का धर्म पर अधिकार 

सांप्रदायिक एकता पर कुठाराघात 


बस अब और नहीं 


सिसकती चीखों का व्यापार ,रिश्तों पर करता प्रहार 

हो रहा नारी पर अत्याचार 


बस अब और नहीं 


गीतों से काम भावना का प्रचार 

चीखती आवाजों के संगीत का अजब संसार 

करता संस्कृति और संस्कारों पर कुठाराघात 


बस अब और नहीं 

बस अब और नहीं 





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