मेरी रचनाएं मेरी माताजी श्रीमती कांता देवी एवं पिताजी श्री किशन चंद गुप्ता जी को समर्पित
मेरा मन मुझसे कहे
१.
मेरा मन मुझसे कहे, जगत से करियो प्रीत Iदुनिया खुशनुमा बनाए रखने की , है ये उत्तम रीत II
२.
क्यूं कर उसने ये कहा, ये जग झूठी माया Iमैं तो बस इतना कहूँ , उत्तम धन है निरोगी काया II
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