दिल के घावों को
दिल के घावों को
बरकरार रखना
हर एक गम के लिए दिल
में जगह रखना
दिल में चुभोया है
नश्तर जिन्होंने
उन इंसानियत के
गुनाहगारों को याद रखना
ऐ मजदूर तेरी मजबूरी
न समझा कोई
इन राजनीति के
ठेकेदारों को याद रखना
ले लेना इंतिकाम अपनी
आहों का
अगले चुनाव में बोझ
उतार रखना
अपनों को खोने का
संताप बनाए रखना
पुलिस के डंडों , भूख
से बिलखते बच्चों को याद रखना
130 करोड़ का नारा
देने वाले सत्ता के लोभियों को
उनकी औकात याद दिलाना याद रखना
पीर दिल की दिल में
सजाये रखना
ग़मों का एक समन्दर
सजाये रखना
ग़मों की बरात का ये
कारवाँ चले दूर तलक
अपने हर एक गम का
हिसाब याद रखना
उतार फेंकना कुर्सी
से इन सत्ता के लोभियों को
अगले चुनाव में इनकी
अर्थी के मंज़र का कारवाँ सजाये रखना
जो देवदूत बन उतरे इस
त्रासदी में तेरे लिए
उनकी राह में दुआओं
का एक समंदर सजाये रखना
No comments:
Post a Comment