थका नहीं हूँ , रुका नहीं हूँ
थका नहीं न हूँ , रुका नहीं हूँ
हौसलों से पस्त हुआ नहीं हूँ
कोशिशों से डरा नहीं हूँ
प्रयासों
से मैं भटका नहीं हूँ
खुद से है मुझको मुहब्बत
खुद से ही मैं डरा नहीं हूँ
मंजिल पर हैं मेरी निगाहें
आंधियों से हिला नहीं हूँ
खुद को बना खुद का हमसफ़र
औरों के कन्धों पर टिका नहीं हूँ
चीर कर तम का वीराना
प्रकाश की ओर अग्रसर हुआ हूँ
तूफां भी क्या रोकेंगे मेरे हौसले को
आत्मविश्वास भरा हुआ हूँ
करम हुआ उस खुदा का मुझ पर
गिरने पर भी उठ खड़ा हुआ हूँ
थका नहीं न हूँ , रुका नहीं हूँ
हौसलों से पस्त हुआ नहीं हूँ
कोशिशों से डरा नहीं हूँ
प्रयासों से मैं भटका नहीं हूँ
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