Sunday 31 May 2020

क़ुबूल कर मेरी आशिक़ी


क़ुबूल कर मेरी आशिक़ी

क़ुबूल कर मेरी आशिकी  को, यूं इनकार न कर
इस आशिके  - मजनू को , यूं बेकरार न कर

कुबूल कर मेरी आशिकी  को, यूं इनकार न कर

दिल के दर्द को , बयाँ करूँ  तो करूँ  कैसे
गिरिफ़्तार हो मेरी मुहब्बत में , खुद को गुमराह न कर

कुबूल कर मेरी आशिकी  को, यूं इनकार न कर

क्यूं गुमसुम सी रहती हो , क्या खुद से मुहब्बत नहीं तुझको
खुद से कर मुहब्बत , खुद को यूं बेकरार न कर

कुबूल कर मेरी आशिकी  को, यूं इनकार न कर

इश्क में खुद को कर कुर्बान, यूं इंतज़ार न कर
अपनी जिन्दगी को जहन्नुम न बना , इश्क में परवान कर

कुबूल कर मेरी आशिकी  को, यूं इनकार न कर

खुद पर ज़ुल्म न कर , मेरी मुहब्बत पर एतबार कर
अपने दीदार से कर मुझको मालामाल , यूं बेकरार न कर

कुबूल कर मेरी आशिकी  को, यूं इनकार न कर

इस पाकीज़ा मुहब्बत को, खुदा का तोहफा समझ
नाउम्मीदी का दामन छोड़, खुद पर एतबार तो कर

कुबूल कर मेरी आशिकी  को, यूं इनकार न कर

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