Tuesday, 19 March 2019

मेरी तन्हाइयों को अपना बना ले कोई


मेरी तन्हाइयों को अपना बना ले कोई

मेरी तन्हाइयों को अपना बना ले कोई
मेरी स्याह रातों को रौशनी से सजा दे कोई

मेरी सिसकती सांसों को सुकूँ दे कोई
मेरी जिन्दगी को रंगों से सजा दे कोई

मेरे गुलशन में भी मुहब्बत के फूल खिला दे कोई
मेरी जिन्दगी को खुशबू से सजा दे कोई

मेरे घर के आँगन में भी दो चार फूल खिला दे कोई
मेरे भी घर को मुहब्बत का आशियाँ बना दे कोई

मेरी चाहतों को पंखों से सजा दे कोई
मुझे भी आसमां की सैर करा दे कोई

मेरी आरज़ू को अपने करम का सिला दे कोई
मेरी जिन्दगी को कामयाबी का मुकाम दे कोई

मेरे ख़्वाबों को खुशियों से रोशन कर दे कोई
मेरी जिन्दगी को उस खुदा की अमानत बना दे कोई

मेरी कोशिशों को इंसानियत की राह दिखा दे कोई
मुझे उस खुदा का शागिर्द बना दे कोई


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