भूल गये क्या साजन मेरे
भूल गए क्या साजन मेरे , तुमको दिल में बसाया था.
मन में तेरा मंदिर बनाकर , श्रद्धाभाव से उसे सजाया था
मन से तुझको किया समर्पित , भक्ति मार्ग अपनाया था
भूल गए क्या साजन मेरे , तुमको दिल में बसाया था.
पावन तेरे चरणों में, मैंने शीश झुकाया था.
श्रद्धााव से मेरे प्रभुजी , तुमको भोग लगाया था
कर श्रृंगार सजाया तुझको, धूप - दीप जलाया था
मेरे प्रभु अति पावन तुम, तुमको मन में बसाया था.
हे परमपूज्य परमात्मा, तुमको दिल में बिठाया था.
पुण्य दृष्टि मुझ पर भी कर दो, तुझ पर खुद को मिटाया था
मेरे घर अब आन बसो तुम, तुमको शीश झुकाऊंगा
पाँव पखारूँगा प्रभु तेरे, मन मंदिर में बसाऊंगा
है पावन परमेश्वर मेरे, तुमको भोग लगाऊंगा
चरणों में कर पुष्प समर्पित, तुम पर वर - वर जाऊंगा
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