Sunday 10 July 2016

दुःख की अंधियारी आँखों में , लिख दें चिर मुस्कान

दुःख की अंधियारी आँखों में , लिख दें चिर मुस्कान

दुःख की अंधियारी आँखों में, लिख दें चिर मुस्कान
सिसकती साँसों में बसा दें, आशा की चिर मुस्कान

'किसी के उजड़े चमन को कर दें, पावन उपवन की मधुर
मुस्कान
गहरे अँधेरे के चेहरे पर लिख दें, आशा की चिर मुस्कान

टूटते रिश्तों में भर दें, विश्वास की मधुर मुस्कान
मैली होती गंगा के आँचल में भर दें, पावनता की चिर मुस्कान

संस्कृति के माथे की बिंदी को दें ,नयी पहचान
संस्कारों की चिरपरिचित गंगा को दें ,पावनता की दें मुस्कान

भावना, आवेश को दे तिलांजलि, जीवन में भर दें असीम सुख
का वरदान
हर एक चरित्र के जीवन में भर दें ,अभिनंदन  का प्रकाश

हर एक लाल को मिले ,माँ के आँचल की छाँव
क्यूं न जियें हम अधरों पर लिए ,एक चिरपरिचित मुस्कान

चाहने वालों के दिल में पत्ते इंसानियत की चिर
मुस्कान
नफरत को मिटा दिलों में भर दें , मुहब्बत का पैगाम

मिटा कर दूरियां दिलों में , करें रोशन प्यार का एहसास
पाकीज़ा रिश्तों के समंदर से , रोशन करें हर एक का
'एहसास

इबादत की पाकीज़ा खुशबू से महकें , आशियाँ या रब
पालने की नन्‍्ही परी के चेहरे पर लिख दें ,पाकीज़ा
मुस्कान

धरती के वक्ष स्थल पर , पुष्पित करें पुष्पों का उपवन
इस धरा की साँसों में भर दें ,जीवन की मुस्कान

दुःख की अंधियारी आँखों में, लिख दें चिर मुस्कान
सिसकती साँसों में बसा दें, आशा की चिर मुस्कान

'किसी के उजड़े चमन को कर दें, पावन उपवन की मधुर
मुस्कान
गहरे अँधेरे के चेहरे पर लिख दें, आशा की चिर मुस्कान

दुःख की अंधियारी आँखों में, लिख दें चिर मुस्कान
सिसकती साँसों में बसा दें, आशा की चिर मुस्कान

'किसी के उजड़े चमन को कर दें, पावन उपवन की मधुर
मुस्कान
गहरे अँधेरे के चेहरे पर लिख दें, आशा की चिर मुस्कान



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