अजब तेरी दुनिया के , अजब हैं नज़ारे
अजब तेरी दुनिया के , अजब हैं नज़ारे
कोई मस्त इस जहाँ में, कोई तुझे पुकारे
कोई जी रहा अहं में, कोई तुझे पुकारे
अजब तेरी दुनिया के , अजब हैं नज़ारे
कोई मदिरालय में में मस्त, कोई देवालय में तुझे पुकारे
अजब तेरी दुनिया के , अजब हैं नज़ारे
कोई जी रहा मल्ंग, कोई सत्संग में तुझे पुकारे
अजब तेरी दुनिया के , अजब हैं नज़ारे
कोई जी रहा निरंकुश, कोई तुझे पुकारे
अजब तेरी दुनिया के , अजब हैं नज़ारे
कोई खुद को समझे खुदा, कोई तुझे पुकारे
अजब तेरी दुनिया के , अजब हैं नज़ारे
कोई जी रहे अनुचर से, कोई तुझे पुकारे
अजब तेरी दुनिया के , अजब हैं नज़ारे
कोई बनकर मीरा सा, प्रभु तुझे निहारे
अजब तेरी दुनिया के , अजब हैं नज़ारे
कोई तुझे बोले कान्हा, कोई कृष्णा पुकारे
अजब तेरी दुनिया के , अजब हैं नज़ारे
कोई बन सुदामा प्रभु जी, कृष्णा - कृष्णा पुकारे
अजब तेरी दुनिया के , अजब हैं नज़ारे
अजब तेरी दुनिया के , अजब हैं नज़ारे
कोई मस्त इस जहाँ में, कोई तुझे पुकारे
कोई जी रहा अहं में, कोई तुझे पुकारे
अजब तेरी दुनिया के , अजब हैं नज़ारे
बहुत बढ़िया प्रयास है आपका |
ReplyDelete