Sunday 10 July 2016

अजब तेरी दुनिया के , अजब हैं नज़ारे

अजब तेरी दुनिया के , अजब हैं नज़ारे

अजब तेरी दुनिया के , अजब हैं नज़ारे
कोई मस्त इस जहाँ में, कोई तुझे पुकारे

कोई जी रहा अहं में, कोई तुझे पुकारे
अजब तेरी दुनिया के , अजब हैं नज़ारे

कोई मदिरालय में में मस्त, कोई देवालय में तुझे पुकारे
अजब तेरी दुनिया के , अजब हैं नज़ारे

कोई जी रहा मल्ंग, कोई सत्संग में तुझे पुकारे
अजब तेरी दुनिया के , अजब हैं नज़ारे

कोई जी रहा निरंकुश, कोई तुझे पुकारे
अजब तेरी दुनिया के , अजब हैं नज़ारे

कोई खुद को समझे खुदा, कोई तुझे पुकारे
अजब तेरी दुनिया के , अजब हैं नज़ारे

कोई जी रहे अनुचर से, कोई तुझे पुकारे
अजब तेरी दुनिया के , अजब हैं नज़ारे

कोई बनकर मीरा सा, प्रभु तुझे निहारे
अजब तेरी दुनिया के , अजब हैं नज़ारे

कोई तुझे बोले कान्हा, कोई कृष्णा पुकारे
अजब तेरी दुनिया के , अजब हैं नज़ारे

कोई बन सुदामा प्रभु जी, कृष्णा - कृष्णा पुकारे
अजब तेरी दुनिया के , अजब हैं नज़ारे

अजब तेरी दुनिया के , अजब हैं नज़ारे
कोई मस्त इस जहाँ में, कोई तुझे पुकारे

कोई जी रहा अहं में, कोई तुझे पुकारे
अजब तेरी दुनिया के , अजब हैं नज़ारे




1 comment:

  1. बहुत बढ़िया प्रयास है आपका |

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