Tuesday, 12 July 2016

रोशन मेरी सुबह और शाम हो जाये

रोशन मेरी सुबह और शाम हो जाए

रोशन मेरी सुबह और शाम , हो जाए
उस खुदा का मुझ पर , करम जो हो जाए

सागर सा विशाल हदय, मेरा हो जाए.
उस खुदा का मुझ पर , करम जो हो जाए

मेरी कोशिशों को मंजिल , नसीब हो जाए
उस खुदा का मुझ पर ,करम जो हो जाए

मेरे नाम की गली--गली , चर्चा हो जाए
उस खुदा का मुझ पर , करम जो हो जाए

इंसानियत की राह मेरी जिंदगी का , मकसद हो जाए.
उस खुदा का मुझ पर , करम जो हो जाए

मेरी भी स्याह रातों में भी , उजाला हो जाए.
उस खुदा का मुझ पर , करम जो हो जाए

मेरे जायज़ अरमानों को , मंजिल नसीब हो जाए
उस खुदा का मुझ पर करम जो हो जाए.








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