तेरे दर पर चले आये हैं हम , अपना जो सके तो अपना ले
तेरे दर पर चले आये हैं हम , अपना जो सके तो अपना ले
एक तेरे दम से रौनके जिंदगी अपनी , कुछ और करम कर दे मौला
कुछ लम्हों की इबादत, जीते जौ जन्नत नसीब करें
खामोश जुबाँ को अलफ़ाज़ दे, मेरी दुआओं को तासीर अता कर मौला
बिगड़ी मेंरी मेरे ख्वाजा , हो सके तो बना देना मौला
तुझ पर खुद को कुर्बान करूं, अपनी जागीर बना मौला
तेरे जलाल से हम सब बाकिफ, अपना जवाहर कर मौला
मेरी आँखों में तू मेरे दिल में भी , तू दीदार करा दे तू मौला
जिन्दगी एक तेरे करम की प्यासी, कुछ तो करम कर दे मौला
जमीर मेरा कभी बोझिल न हो, अपना एहसास जगा मौला
तेरे दर का चराग मैं हो जाऊं, ऐसे जज़्बात जगा मौला
लेरी तारीफ खुदा मैं कैसे करें, ऐसे एहसास जगा मौला
तेरे दामन का सहारा मिल जाए मुझे , अपना शागिर्द बना मौला
उम्मीद पर दुनिया कायम है, अपना जलवा दिखा मौला
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