मेरे चिंतन मन में --भजन
मेरे चिंतन मन में बस जाओ प्रभु
मन मैं अक्ति की ज्यौत जलाओ प्रभु
गीत प्रभु तेरी महिमा के गाऊँ
विनती मेरी स्वीकार करी प्रभु
इच्छा , लालसा मन न उपजे
तेरे चरणों में जगह मिले प्रभु
अक्ति भाव से ध्याऊँ तुझको
मन दर्पण में बस जाओ प्रभु
सच्चाई की राह में ले लो
मिथ्या जगत से हमें बचाओ
मनभावन तुम लगते मुझको
मन मंदिर मैं बस जाओ प्रभु
निर्बल को प्रभु सबल बनाओ
मन में विश्वास जगाओ प्रभु
जीवन में कोई अभिलाषा न हो.
मोक्ष राह पर ले जाओ प्रभु
मेरे चिंतन मन में बस जाओ प्रभु
मन मैं अक्ति की ज्यौत जलाओ प्रभु
गीत प्रभु तेरी महिमा के गाऊँ
विनती मेरी स्वीकार करी प्रभु
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