किसी के कुछ कहने से फर्क नहीं पड़ता है मुझे
किसी के कुछ कहने से फर्क नहीं पड़ता है मुझे
मेरे सपनों की दुनिया ही अजब निराली है
मैं टूटता नहीं मैं बिखरता नहीं , कटु वचनों से
मेरी संस्कृति , संस्कारों की छटा अजब निराली है
मेरे विचार , मेरे सिद्धांत कभी डगमगाते नहीं , पर निंदा से
मेरे आदर्शो की दुनिया ही अजब निराली है
मैं क्यों कर बिखर जाऊं , एक ठोकर से
मेरे प्रयासों की दुनिया ही अजब निराली है.
गिरकर संभल जाने की कला आती है मुझे
मेरी कोशिशों की दुनिया ही अजब निराली है.
किसी की बदनीयत सोच क्या बदलेगी तकदीर मेरी.
मेरी इबादत की दुनिया ही अजब निराली है
.
किसी दूसरे के विचारों से प्रभावित नहीं होता हूँ मैं
मेरे सुविचारों की छटा ही अजब निराली है.
मेरे दुश्मनों तुमने किया मेरे प्रयासों को सार्थक
मेरी शुक्रिया कहने की कला भी अजब निराली है.
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