Sunday 19 June 2016

मेरी किस्मत में चाँद सितारे हैं कि नहीं

मेरी किस्मत में चाँद सितारे हैं कि नहीं

मेरी किस्मत में चाँद सितारे हैं कि नहीं ,इसका मुझे
इल्म नहीं
एक अदद इबादत को कर लिया अपना ,इमां मैंने

मुझे भी जन्नत नसीब होगी कि नहीं ,इसका मुझे इल्म
नहीं

एक अदद राहे-इंसानियत को कर लिया ,जीने का सबब
मैंने

मैं उसकी आँखों का नूर हो सकूंगा कि नहीं इसका मुझे
इल्म नहीं

खुदा की राह को अपने जीने की राह ,कर लिया मैंने

मुझ पर उस खुदा का करम होगा कि नहीं ,इसका मुझे
इल्म नहीं

खुद को उस खुदा के दर का चराग ,कर लिया मैंने

उस खुदा के दर में मुझे जगह मिलेगी कि नहीं इसका
मुझे इल्म नहीं

खुदा के बन्दों की खिदमत को अपना इमां ,कर लिया मैंने

पाक दामन से खुदा ने मुझको नवाज़ा कि नहीं ,इसका
मुझे इल्म नहीं

उस खुदा के बन्दों के ग़मों को ,अपना कर लिया मैंने

में खुशनसीब हूँ कि नहीं ,इसका मुझे इल्म नहीं
खुदा के बन्दों को खुदा की नेमत ,कर लिया मैंने

मेरी किस्मत में चाँद सितारे हैं कि नहीं ,इसका मुझे
इल्म नहीं

एक अदद इबादत को कर लिया अपना ,इमां मैंने

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