Saturday 4 June 2016

जब तुझे अर्थ और अनर्थ का भेद समझ आने लगे - मुक्तक

१.

जब तुझे अर्थ और अनथ का भेद समझ आने लगे
जब तुझे अमृत और विष वाणी का भान होने लगे

जब तुझे उन्नति और अवनति का अर्थ समझ आने लगे
यह समझ लेना तुझे जीवन का सत्य समझ आने लगा है


२.


जब तुझे अच्छे ओर बुरे का भान होने लगे
जब तुझे आकार और निराकार का ज्ञान होने लगे 

जब तुम आशा और निराशा का भेद करने लगो
यह समझ लेना तुम जीवन की सही दिशा की और अग्रसर हो



3.


. जब तुझे आस्तिक और नास्तिक का ज्ञान पर
जब तुझे आदर और लिरादर का भेद समझ आने लगे 

जब उत्कर्ष और पराभव का  अर्थ तुझे समझ आने लगे 
 समझ लेना तुम अभिनंदन मार्ग की ओर अग्रसर हो


4.

 
 जब  उत्थान और पतन के बीच का भेद तुझे समझ आने लगे 
जब कर्तव्य और अकर्तव्य की परिभाषा तुझे समझ आने लगे दी

जब उपकार और अपकार का अंतर तुझे समझ आने लगे 
तुम समझना कि तुम पूर्ण मानव होने की ओर अग्रसर हो 

 

5.

जब सद्गति और दुर्गाति का भेद तुझे समझ आने. समझ आनें
जब तेरे विचार चेतन और अवचेतन का भेद समझने लगे 

जब तुझे जन्म और मरण के बीच का अंतर समझ आने लगे
  तुम समझ लेना तुम चिंतन मार्ग की ओर अग्रसर हो




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