कान्हा पुकारे राधा दौड़ी चली आये - भजन
कान्हा पुकारे, राधा दौड़ी चली आये
वंशी बजाये कान्हा , राधा दौडी चली आये.
कान्हा पुकारे , गउएं दौड़ी चली आयें
वंशी बजाये कान्हा , गउएं दौडी चली आये
कान्हा पुकारे , वाले दौड़े चले आये
वंशी बजाये कान्हा , ग्वाले दौड़े चले आये.
मथुरा मैं पुकारें कान्हा , वृंदावन मैं पुकारें
जब भी पुकारें कान्हा , हम दौड़े चले आये
दही भी लाये कान्हा , माखन भी लाये
जल्दी - जल्दी आओ कान्हा , भोग लगायें
दीपक जलाये कान्हा , धूप दिखायें
पुष्पों की वर्षा करें , शीश नवायें
'छप्पन तरह के तुझको , भोग लगाएं
मन मैं बसाएं तुझको , भजन तेरे गायें
कष्टों को हरना कान्हा , जब भी पुकारें
चरणों मैं रखना प्रभु , आये तेरे दवारे
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