Friday, 3 June 2016

अज़ीज़ हैं वो मुझको - मुक्तक

१.

'अजीज है वो मुझको, इस पर यकीन है उसको  

खुदा का करम कहें इसे , या कहें इश्क का जूनून



२.

ये ज़रूरी नहीं हम उनको याद करें

ये दिलों का है सौदा , हम एक -दूसरे पर हों निसार



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