१.
मेरे अरमानों को मंजिल हो नसीब और ख्वाहिशों
को जन्नत
उस खुदा के इनायते -करम पर हो एतबार मुझे
२.
कक सा विशाल हृदय कर, मानवता
हित कर्म करो
अभिनंदन तेरा भी होगा, कुछ प्रयास
ऐसे करो
3.
अनुपम छवि तेरी भी होगी , कुछ
आदर्श तुम वरो
खिलोगे पुष्प बन गुलशन में , कुछ
सत्कर्म तुम करो
4.
गर्व तझ पर भी करेगी दुनिया,
राष्ट्रहित प्रयास तुम करो
कीर्ति तेरी भी होगी रोशन, समाज हित
कुछ कर्म तुम करो
5.
पर तृष्णा में तुम न उलझो ,
अभिमानी न॑ होना तम
इच्छा और लालसा में न उलझो , खुद
को संयमित करो तुम
६.
स् को स्नेह की दृष्टि से देखो, हर एक दिल में
खुदा मिलेगा तुझको
बचाकर रखना अहं से खद को,
अभिनंदन की राह नसीब होगी तुझको
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