१.
खामोशी का अपना एक खुशनुमा
समंदर होता है
अलफ़ाज़ भी कभी - कभी दर्द दे
जाते हैं
२.
बीते हुए वक़्त की वीरानियों को जो
भूल जायें तो भी
वक़्त के समंदर में घाव फिर से हरे हो
जाते हैं
3
अपने नसीब को हम यूं ही कोसते
रहते
काश ! समंदर की लहरों सी जिन्दगी
हो जाए
4.
क्यूं कर किसी को अच्छा कहे, बुरा
कहे कोई
वक़्त दुश्मन को भी दोस्त बना देता
है
5.
खामोश जुबां से बेहतर कोई दोस्त नहीं
खुली जुबान से बड़ा कोई दुश्मन नहीं
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