Thursday, 20 April 2017

चंद क्षणिकाएं

१.


अपने घर के चराग को , रखना संभालकर

जले तो रोशनी , बुझे तो अँधेरा


२.


दोस्ती वो दीया , जो रोशन तब तक

विश्वास की लौ , जिसमे जले  जब तक


3.


बचपन की पाकीजगी को खुदा , ताउस्र
बरकरार रख

तेरे दर पर ताउमर ,सजदा करेंगे हम


4.


समंदर की लहरों से जूझकर , किनारा मिले
तो अच्छा हो

मेरी कोशिशों को मेरे खुदा , तेरे करम का
साया नसीब हो तो अच्छा हो







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