Monday 10 April 2017

समय बड़ा बलवान रे बन्दे - भजन

समय बड़ा बलवान रे बन्दे

समय बड़ा बलवान रे बन्दे
तू है क्‍यों नादान रे बन्दे

समय जो रूठे, सब कुछ छूटे
समय बड़ा बलवान रे बन्दे

जीवन चार दिनों का मेला
करता क्यों अभिमान रे बन्दे

पावन नहीं कर्म क्यों तेरे
बढ़ता चल अविराम रे बन्दे

'गिरता उठता, फिर से गिरता
खुद से क्यों नाराज़ रे बन्दे

मानव जीवन दुर्लभ जीवन
कर न इससे खिलवाड़ रे बन्दे

चंचल मन को बस में कर तू
कर जीवन उद्धार रे बन्दे

चन्दन सी तू काया कर ले
पड़े न कुविचार प्रभाव रे बन्दे

प्रभु भक्ति को धर्म बना ले
मुक्ति की राह चल रे बन्दे

सत्कर्म राह पर चल रे बन्दे
जीवन से न तू खेल रे बन्दे

चरण कमल प्रभु के बलि--बलि जा तू
खुद पर कर विश्वास रे बन्दे

माता - पिता की सेवा कर तू
कर न कभी विश्राम रे बन्दे

संस्कारों से पुष्पित होना
खुद पर न कर अभिमान रे बन्दे

प्रभु को अर्पित जीवन कर तू
प्रभु चरणों में धाम रे बन्द

क्यों खुद को है भूल रहा तू
जीवन में जहर क्यों घोल रहा तू

पावन कर अपने जीवन को
जीवन धन मुस्कान रे बन्दे

समय बड़ा बलवान रे बन्दे
तू है क्यों नादान रे बन्दे

समय जो रूठे, सब कुछ छूटे
समय बड़ा बलवान रे बन्दे


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