मेरी रचनाएं मेरी माताजी श्रीमती कांता देवी एवं पिताजी श्री किशन चंद गुप्ता जी को समर्पित
१.
दुःख के बादल
माँ के आँचल तले
छंट जाते हैं |
२.
बीती यादों को
संजोकर रखना
सुखी जीवन |
3.
करम तेरा
खुदा की इबादत
शागिर्द तेरा |
No comments:
Post a Comment