Wednesday, 9 June 2021

मुक्तक

१. 


चंद दामन तू खुशियों से भर , चंद आशियाने तू कर रोशन

तेरी हर एक कोशिश को, खुदा का करम हो नसीब

२.



चंद फूल खिला . खुद पर क्यों इतरावें हम
फूलों का एक उपवन खिला, जिन्दगी को रोशन कर लें

3.



हमारी आरजू में कभी वो तड़पे , उनकी आरजू में कभी हम तड़पे
ये तड़प का दौर , आज भी बदस्तूर जारी है.

4.


कुछ गौत मैं उसके पेशे नज़र , कर दूं तो अच्छा हो
इसी बहाने मेरे दिल को करार , आ जाए तो अच्छा हो

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