१.
चंद दामन तू खुशियों से भर , चंद आशियाने तू कर रोशन
तेरी हर एक कोशिश को, खुदा का करम हो नसीब
२.
चंद फूल खिला . खुद पर क्यों इतरावें हम
फूलों का एक उपवन खिला, जिन्दगी को रोशन कर लें
3.
हमारी आरजू में कभी वो तड़पे , उनकी आरजू में कभी हम तड़पे
ये तड़प का दौर , आज भी बदस्तूर जारी है.
4.
कुछ गौत मैं उसके पेशे नज़र , कर दूं तो अच्छा हो
इसी बहाने मेरे दिल को करार , आ जाए तो अच्छा हो
No comments:
Post a Comment