Tuesday, 18 February 2020

पुस्तकें


पुस्तकें

असाध्य को साध्य करने का
माद्दा रखतीं पुस्तकें
पुस्तकालय के घर का
चाँद , सितारें होती पुस्तकें

संवेदनाओं को पुष्पित करतीं
संस्कारों का भाव जगाती पुस्तकें
ज्ञान को संजोती, विज्ञान को पिरोतीं
संस्कृति, आध्यात्म की धरोहर होतीं पुस्तकें

बालमन के हास्य का श्रृंगार होती पुस्तकें
कथाओं का मर्म बन निखरतीं
 कभी विचारों का बहाव होतीं पुस्तकें
पुस्तकों की दुनिया में सर्वजगत समाहित

जीवन का आधार
तो कभी मोक्ष का विस्तार होती पुस्तकें
कला को जीवंतता प्रदान करती पुस्तकें
तो कभी रसोई का संसार होती पुस्तकें

समाज का दर्पण बन दमकती पुस्तकें
तो कभी प्रकृति का अलंकार होती पुस्तकें
चिंतन जगत का विस्तार होती पुस्तकें
तो कभी जीवन दर्शन का आधार होती पुस्तकें

समाज को आइना दिखातीं
तो कभी बुराइयों पर कुठाराघात करती पुस्तकें
पीड़ा के दौर में मरहम बन निखार्तीं
तो कभी भटकाव में मील का पत्थर हो जाती पुस्तकें

गुमनान जिन्दगी को समाज में स्थापित करती पुस्तकें
तो कभी व्यक्तित्व का गुणगान हो जाती पुस्तकें
विचारों का एक गुलदस्ता होती पुस्तकें
तो कभी विचारों की पुष्प वाटिका में खुशबू बन बिखरती पुस्तकें

अंधविश्वास के तिलिस्म को ढहाती पुस्तकें
तो कभी सत्य से परिचय कराती पुस्तकें
आवेग के दौर में भी सँभालने का ज़ज्बा जगाती पुस्तकें
तो कभी जीवन को जीने का सपना सजाती पुस्तकें

असाध्य को साध्य करने का
माद्दा रखतीं पुस्तकें
पुस्तकालय के घर का
चाँद , सितारें होती पुस्तकें


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