Sunday, 2 February 2020

तेरी यादों की वो परछाइयां


तेरी यादों की वो परछाइयां

तेरी यादों की वो परछाइयां, और ये तनहाइयां
भीगी  - भीगी वो सुबह और शाम की रानाइयां

तेरी यादों का वो समंदर और ये तनहाइयां
 दिल को  दिल से राह थी, खुशनुमा हर शाम थी

तेरा आना और जाना, और तेरा वो मुस्कुराना
आशिक़ी परवान थी , खुशनुमा हर शाम थी

छुपके मिलना और मिलाना और तेरा रूठ जाना
मेरा तुझको मनाना और सीने से लग जाना

तन्हाइयों में ढूंढता फिरता हूँ आज   
तेरा तो मैं अपने करीब करता हूँ एहसास

तेरी हर एक बात को मैंने अपनी अमानत कर लिया
तेरे हर एक एहसास को मैंने अपनी यादों में पिरो लिया

तेरी हर एक चाहत को मैंने अपनी चाहत बना लिया
तेरी हर एक याद को मैंने अपनी अमानत कर लिया

तू आएगी एक दिन मेरे ख़्वाबों की गली में
अपने हर एक ख़्वाब को मैंने अपनी अमानत कर लिया



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