Tuesday, 18 February 2020

क्षणिका


क्षणिका

बार - बार मुसाबतों का दौर
उसके सामने आ खड़ा होता है
वह सोचता
आखिर इस हेतु
उसका ही चयन क्यों?

स्वयं को प्रेरित कर
उठ खड़ा होता वह
जीत की कामना के साथ

हर बार मुसीबत को
हार का सामना करना पड़ता

वह अटल पर्वत की भांति
अट्टहास करता

स्वयं को पहले से भी
ज्यादा बलशाली, सहनशील
महसूस करता

फिर उठ खड़ा होता
इस आस में
कि कहीं
एक और मुसीबत
उसके धैर्य की परीक्षा लेने .........................



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