Thursday 6 February 2020

मातृभूमि


मातृभूमि

मातृभूमि पर तू अपना
सर्वस्व वार दे
वतन की खातिर
दुश्मनों को जमीं में गाड़ दे

वतन परस्ती की राहे में
खुद को तू निसार दे
आँख जो पड़े दुश्मन की
गोलियों से तू जवाब दे

चीरकर दुश्मन का सीना
माँ भारती पर वार दे
जीवन की हर एक रक्त बूँद को
मातृभूमि पर निसार दे

तू शेर है माँ भारती का लाल है तू
हर एक सांस इस पर तू वार दे
तेरे हर कदम की गर्जना
दुशमनों की सांस उखाड़ दे

मिटा कर शख्सियत दुश्मन की
वन्दे मातरम् उचार दे
बहे दुशमनों का लहू
इतने तू उन पर वार दे

सीमा पर बैठे दुशमनों की
साजिशों को नाकाम कर दे
पीर अपने दिल की भुलाकर
माँ भारती को सम्मान दे

करके दुशमनों पर वार
माँ भारती की जय – जयकार
मादरे वतन को करें रोशन
अपने वतन को सम्मान दें

इश्व में हो चर्चा मादरे वतन की
संस्कृति की गंगा बहा दें
घर – घर बहायें संस्कारों की गंगा
विश्व पटल पर माँ भारती को विराजें



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