Tuesday 18 February 2020

मुस्कान - क्षणिका


मुस्कान

अपने चहरे की मुस्कान को ही
उसने बना लिया
अपनी जिन्दगी की किताब
लोग आते
उसके मुस्कुराते शेहरे को देख
उस मुस्कराहट के पीछे  के
सत्य से
स्वयं को भिज्ञ करने की
कोशिश करते
तो कुछ इस आशा में
मुस्कराहट का मूल्यांकन करते
कि
कहीं इस
मुस्कराहट के पीछे
अनंत पीड़ा से
उबर आने का
अनंत सुख तो नहीं






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