तेरी शरण में आये हैं प्रभु जी, अपना हमें अपना बना लो तुम
तेरी शरण में आये हैं प्रभु जी, अपना हमें अपना बना लो तुम
चरणों का अपने देकर सहारा, जीवन ज्योति जगा दो तुम
सदाचार की राह में ले लो, मानवता भाव जगा दो तुम
वात्सल्य से भर दो हमको, प्रेम का भाव जगा दो तुम
करूँ विनय तुमसे मैं प्रभु जी, मानव मुझे बनाओ तुम
भोग—विलास से दूर रहूँ मैं , अभिलाषी न बनाना तुम
तेरी दया का पात्र रहूँ मैं , कामनाओं में न उलझाना तुम
सुकर्मों में मेरी प्रीति होवे, कुकर्मों से मुझे बचाना तुम
मेरे भगवन तेरी महिमा न्यारी, अपना मुझे बनाओ तुम
अभिनन्दन की राह चलूँ मैं, सच की राह दिखाओ तुम
चन्दन सा मुझे पावन कर दो, उत्कर्ष राह दिखाना तुम
कर्म राह को धर्म बनाकर, जीवन सफल बनाना तुम
तृष्णा से प्रभु मुझे बचाना, भक्ति राह दिखलाना तुम
श्रद्धा तुझ पर रहे हमेशा , पर निंदा से बचाना तुम
पावन, सुन्दर छवि तुम्हारी, हमको दरश दिखना तुम
अमृत से पावन वचन हमारे, वाणी में पावनता लाना तुम
सरिता से पावन हों कर्म हमारे, कर्तव्य राह दिखलाना तुम
करो प्रकाश जीवन में हमारे, मदिरालय से हमें बचाना तुम
कर्म सभी पावन हों मेरे, सत्कर्म राह दिखलाना तुम
मुक्ति हो जीवन का गहना, मोक्ष राह दिखलाना तुम
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