मेरी रचनाएं मेरी माताजी श्रीमती कांता देवी एवं पिताजी श्री किशन चंद गुप्ता जी को समर्पित
अफवाहों का बाजार गर्म है
ज़रा संभलकर रहना
खुद के हौसले बुलंद रखना
यूँ ही किसी पर यकीन ना करना
पीर देंगे तुझे अपने ही
केवल खुद पर ही यकीन करना
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