माँ
माँ
,माँ का मातृत्व हो तुम
वात्सल्य
से ,परिपूर्ण हो तुम
स्वस्थ
पवित्र ,नारीत्व हो तुम
माँ
तेरा ,माँ सा रूप हो तुम
संस्कृति
की रक्षक हो तुम
संस्कारों
को, पुष्ट करती हो तुम
मातृत्व
तेरा सत्य,
देवी हो तुम
विनम्रता
से सुसज्जित हो तुम
जीवन
का अस्तित्व हो तुम
कुशलता
और चपलता की मूर्ति हो तुम
आस्तिकता
की ढाल हो तुम
जीवन
का आधार हो तुम
कर्तव्यपूर्ण
जीवन से सुसज्जित
माधुरी
की सौगात हो तुम
शिष्टाचार
शिरोधार्य हो तुम
शिष्ट
एवं गंभीर, नायिका हो तुम
नर
हेतु, नारायणी हो तुम
माँ
,गांभीर्य से समृद्ध हो तुम
माँ
,मोक्ष की देहलीज हो तुम
माँ
,जीवन साकार हो तुम
माँ
,गुणवती, आयुष्मती हो तुम
माँ
,तपस्विनी ,जगजननी हो तुम
माँ
,मनोहारिणी ,हंसवाहिनी हो तुम
माँ,
राधिका ,यशस्विनी हो तुम
माँ
,शक्तिमती, भाग्यवती हो तुम
माँ
,धैर्यवती ,ज्ञानवती हो तुम
माँ,
माँ का मातृत्व हो तुम
माँ, वात्सल्य से परिपूर्ण हो तुम
No comments:
Post a Comment