Thursday, 17 January 2013

राह नीर की छोड़


               राह नीर की छोड़  

राह नीर की छोड़ बनो तुम वीर
राह कायरता की छोड़ बनो तुम धीर

राह निज की तुम छोड़ बनो सर्वस्व
राह आलस की छोड़ बनो तुम कर्मठ

राह कटुता की छोड़ बनो तुम कृतघ्न
राह पशुता की छोड़ बनो तुम मानव

राह शत्रुता की छोड़ बनो तुम मित्र
राह अहम की छोड़ बनो तुम सज्जन

राह उदासीनता की छोड़ अपनाओ तुम कर्म
राह चंचलता की छोड़ धरो गांभीर्य

राह शठता की छोड़ अपनाओ सज्जनता
राह घृणा की छोड़ अपनाओ वात्सल्य

राह मरण की छोड़ धरो अमरत्व
राह अस्त की भूल , उदय हो तेरा

राह नरत्व की छोड़ अपनाओ देवत्व
राह उदासी की छोड़ अपनाओ इंसानियत

राह नीर की छोड़ बनो तुम वीर
राह कायरता की छोड़ बनो तुम धीर

 

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