पावन चरण
पावन चरण पड़े, तेरे जग में
शीतल मेरी हो, गई काया
निर्मल हो जाए ,मन मेरा
मुझमें ऐसा, पुण्य जगा दो
पावन चरण पड़े, तेरे जग में
कर्मशील, हो जाये जीवन
मुझमे ऐसा, भाग्य जगा दो
मानव सेवा ,सर्वोपरि समझूं
जीवन सेवा, भाव जगा दो
पावन चरण पड़े, तेरे जग में
भक्ति मार्ग , कर्म मार्ग हो
सत्य राह और , सत्य मार्ग हो
निर्मल पावन चरित्र हो मेरा
मुझको सच्ची राह दिखा दो
पावन चरण पड़े, तेरे जग में
आदर्शों को मै राह बना लूं
व्यक्तित्व को अपने मै निखारूँ
तारा बन अम्बर पर चमकूँ
चाँद बनूँ शीतलता बिखेरूं
पावन चरण पड़े, तेरे जग में
मानवता सा अमृत बन मै
जीवन – जीवन खुशियाँ बिखराऊँ
सूरज सा चमकूँ मै धरा पर
संस्कार निज अमरत्व पाऊं
पावन चरण पड़े, तेरे जग में
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