वक्त के दरिया में
वक्त के दरिया में , कोशिशों के समंदर में डूबकर देखो
चंद प्रयासों को न करो , अपनी मंजिल का हमसफ़र
जीत जाओगे तुम , मंजिल पर होंगे कदम तेरे
प्रयासों के समंदर में , एक बार उतारकर देखो
प्रयासों का एक खूबसूरत कारवाँ सजाकर देखो
मंजिल तेरे क़दमों का निशाँ होगी
तेरे प्रयास तेरी ख़ुशी का चरम होंगे
देंगे तुझे , आसमां पाने का एहसास
किसी की वीरान जिन्दगी का , एक कोना रोशन कर देखो
तेरी जिन्दगी को नसीब होगा , जीने का मकसद
किसी के बुझे अधरों पर , मुस्कान बिखेरकर देखो
तुझे खुदा के करीब होने का होगा एहसास
किसी गुमसुम सी नन्ही परी के चहरे पर , मुस्कान बिखेरकर देखो
तेरी जिन्दगी फूलों के गुलशन की मानिंद होगी रोशन
किसी की बेबस निगाहों का ख़्वाब बनकर देखो
तेरे ख़्वाबों पर होगा , उस खुदा का करम
किसी की सिसकती साँसों में , सपनों की खुशबू का समंदर उतारकर देखो
"अंजुम" तेरी जिन्दगी को नसीब होगा , जिन्दगी होने का सबब
No comments:
Post a Comment